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“दौड़ते भागते न करें मंत्रोच्चारण और न ही सुने, अपराध है”

उपासना के मूलभूत संदर्भ

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परम पूज्य संत आचार्य श्री अमिताभ जी महाराज

सुनें वीडियो कि उपासना करते समय क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए

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आजकल लोग अपनी भक्ति के भाव से प्रभावित होकर या यों कहें उसका प्रदर्शन करने की वृत्ति से संयुक्त होकर अशुद्ध अवस्था में जूता पहनकर, चप्पल पहनकर, अशुद्ध हाथ की स्थिति में, अशुद्ध शरीर की स्थिति में चलते-फिरते अनेक शास्त्रीय स्तोत्र का और अनेक मंत्रों का उच्चारण करते हुए दिख जाते हैं।

आजकल नवरात्र का विशेष पर्व गतिशील है। लोग भगवती के बीज मंत्र का, यहां तक की कि कवच, अर्गला, कीलक का पाठ भी चलते फिरते कर रहे हैं l कितना बड़ा अपराध है यह! यह अपना नुकसान स्वयं करने के जैसा है!

हनुमान चालीसा या कोई भी पाठ चलते फिरते करने का विधान नहीं है।

सबको करने के लिए विशिष्ट शास्त्रीय नियमों का , प्रावधानों का अनुपालन करने की अनिवार्यता है।

लेकिन केवल एक ऐसा महामंत्र है 

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे l

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ll

इस मंत्र को किसी भी स्थिति में उच्चारण किया जा सकता है। सिवाय शौच अशुद्ध की स्थिति में इस महामंत्र के जाप से भी बचना चाहिए।

यद्यपि प्रातः कालीन कर्म करने की स्थिति में इसका उच्चारण न किया जाए तो श्रेष्ठ है।

अतः यदि अपराध से बचना चाहते हैं तथा अपना नुकसान स्वयं ही करना नहीं चाहते हैं तो इन नियमों का अनुपालन करिए।

ll शुभम भवतु कल्याणम ll

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